राजा ब्रुस बहुत ही वीर और साहसी थे । उसने कई बार युद्ध में अनेक राजाओं को हराकर विजय प्राप्त किया था । एक बार राजा ब्रूस एक युद्ध में शत्रुओं से हार गया । उसके बहुत-से सैनिक मारे गए । जीवित बचे सैनिक अपने प्राण बचाकर इधर-उधर भाग गए । राजा ब्रूस भी छिपता-छिपाता किसी जंगल में पहुँच गया । वहाँ वह गुफा में रहने लगा ।
राजा निराश और अत्यंत दुखी था । एक दिन जब वह गुफा में लेटा कुछ सोच रहा था, तभी उसकी नजर दीवार पर चढ़ती एक मकड़ी पर पड़ी । उसने देखा कि कुछ ऊँचाई तक चढ़ने के बाद वह फिसली और नीचे गिर पड़ी । मकड़ी ने कई बार दीवार पर चढ़ने का प्रयास किया, किंतु हर बार वह फिसल कर नीचे गिर जाती । लेकिन उसने फिर भी दीवार पर चढ़ना नहीं छोड़ा । अंत में वह दीवार पर चढ़ने में सफल हो गई ।
यह सब देखकर राजा ब्रूस के मस्तिष्क में एक बिजली-सी कौंध गई । राजा झट से उठकर बैठ गया । उसने मन-ही-मन सोचा- ‘यदि यह मकड़ी बार-बार कोशिश करने पर दीवार पर चढ़ सकती है, तो मैं अपने शत्रुओं को क्यों नहीं हरा सकता ?’
राजा ने फिर से अपनी बिखरी हुई सेना को एकत्र किया और पूरे जोश के साथ शत्रु राजा पर आक्रमण कर दिया । कई दिनों के युद्ध के बाद अंततः राजा ब्रुस को पुनः विजय प्राप्त हुई ।
उद्देश्य – कभी भी हिम्मत न हारे और अपने लक्ष्य को पाने का प्रयास करते रहे ।