दोस्तों, आज हर कोई सफलता पाना चाहता है । जो सफल हो जाते है, उनका क्या कहना ! लेकिन जो सफल नहीं होते वो अपने जीवन में काफी परेशान होते है । निराश होते है ।
बहुत सारे तो भगवान की पूजा करने लगते है । कुछ तो मन्नत मांगने लगते है ।
कुछ तो ज्योतिषी से मिलते है और अपने हाथ दिखाते है, अपना भविष्य दिखाते है कि मेरा क्या होगा ।
और जब कुछ उसमे सफल हो जाते है तो उसके बाद किसी और इच्छा के कारण किसी दूसरे परेशानियों में फंस जाते है ।
निरन्तर उनका जीवन ऐसे ही चलता है ।
अब समझना ये है कि क्या आप इसके लिए ही जन्म लिए है ।
क्या सफलता का यही मतलब होता है ?
कि अपना कोई एक इच्छा करें और उसे पुरा करने में अपना जीवन को बर्बाद कर दे ।
अपने इच्छा की पूर्ति को आप सफलता मानते है ।
जो किसी दूसरे व्यक्ति को देखकर आपके मन में पैदा हुआ है ।
दरअसल होता यह है, कि हम किसी व्यक्ति को देखकर उसका नकल करना चाहते है । और जब नकल करने में फेल हो जाते है तो बोलते है कि हम असफल हो गये । और उसके बाद काफी परेशान हो जाते है और इधर-उधर की चक्कर लगाते है ।
आजकल सफलता का मतलब – किसी दूसरे व्यक्ति के काम को नकल करने में मिली सफलता को सफलता मानते है ।
वास्तव में देखा जाए तो सफलता कुछ भी नहीं हैं और सब कुछ भी है ।
जैसे आप दिल्ली जाने के लिए ट्रेन में चढ़े और दिल्ली पहुँच गये । और जब दिल्ली पहुँचे तो कोई आपसे कहे की बधाई हो आप दिल्ली आने में सफल हो गये । तो आप क्या बोलेगे कि इसमें सफलता कैसा जब सही ट्रेन में बैठ गये थे, तो दिल्ली तो पहुँचना ही था । ऐसे देखे तो इसमें कोई सफलता नजर नहीं आता लेकिन एक तरह से ये भी एक सफलता ही है । कि हमने एक काम शुरू किया और वो सही से पूर्ण हो गया ।
अब यदि आप दिल्ली जाने के लिए दिल्ली जाने वाली ट्रेन में ना बैठ के मुम्बई जाने वाली ट्रेन में बैठ जाए और जब मुम्बई उतरे तो पता चले की आप दिल्ली नहीं पहुँच के मुम्बई आ गये तो उस समय किसे दोष देगे । या फिर आप अपना हाथ दिखाने किसी ज्योतिषी से मिलेगे कि हम दिल्ली जाने में असफल क्यो हो गये । या किसी सलाकार से मिलेगे । या अपने भाग्य को दोष देगे । कि मेरा भाग्य ही खराब है । या फिर भगवान को दोष देगे ।
यहाँ ये समझे वाली बात ये है कि हम सही गाड़ी का चुनाव नहीं किये । इसलिए दिल्ली के बजाय मुम्बई पहुँच गये ।
ऐसे ही हम अपने जीवन में भी कर रहे है । हम सभी सही गाड़ी का चुनाव नही कर रहे जो हमे सही दिशा में ले जाए । जरूरत है सही चुनाव करने का । जिस काम में आपकी रूचि हो, उसे ही करे । जिस काम में आपका मन लगता है और यदि आप उसे करेगे तो आप परेशान ही नहीं होगे क्योंकि वो आपका रुचि का काम है । उसमें आपका मन लगता है ।
अब बात आता है उसमें आप कितने उन्नती करते है ।
तो किसी भी काम में उन्नती आपके किये गये प्रयास के कारण होता है कि आप उस काम को लेकर आप कितने तत्पर है । कितने उत्सुक है ।