हमारे दिमाग में वही बात या विचार आते है,
देखते है ।
जो हम सोचते है ।
सुनते है ।
यह बहुत ही छोटी सी बात है, लेकिन अकसर लोग इसे बड़ा बना देता है सोच-सोच के ।
दोस्तों, अगर आप भी अपने नकारात्मक विचार से परेशान है, तो आपको परेशान होने की कोई जरूरत नहीं है । सिर्फ आप अपना सोच बदल दिजिए ।
बात यह है कि हम उम्मीद ही गलत जगह लगा दिये है । जिसके कारण हर समय हमें हार का ही स्वाद चखना पड़ता है । जब हमारे अनुकूल होता है तो खुश होते है, और प्रतिकूल कुछ होता है तो हम निराश हो जाते है । फिर वही से चिंतन शुरू होता है और हम इतना सोचने गलते है कि हमें पता ही नहीं चलता कि कब हम नकारात्मक बाते सोच लिए ।
1 Comment
NICE